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एक आम का बगीचा था। उसमें बंदर आम खाने लगे तो बाग में रखवाली करनेवालों ने उनको पत्थर मारकर भगा दिया। *जाते-जाते बन्दरों ने एक-एक आम मुंह में और एक-एक आम हाथ में ले लिया और भाग गए।
उन सब ने मीटिंग की कि ये माली हमें आम खाने नहीं देते । उनमें से कुछ समझदार बंदर बोले कि वह अपने बगीचे में आम कैसे खाने देंगे ? यदि हम भी एक बगीचा लगा ले तो फिर हमें आम खाने से कोई मना नहीं करेगा।
उन्होंने सोचा कि गुठली तो हैं ही,इनका बगीचा लगा लें। गुठली गाड़ दें और पानी दे दें तो बगीचा तैयार हो जाएगा फिर खूब आम खाएंगे । सर्व सम्मति से प्रस्ताव पास हो गया ।
एक नदी बह रही थी , उसके किनारे गुठलियां गाड़ दीं। अब वे बार - बार गुठलियों को निकाल कर देखते हैं कि आम अभी हुआ कि नहीं और उनको पुनः गाड़ देते हैं । शाम तक वे इसी प्रकार गुठलियों को निकालते हैं तथा गाड़ते रहे।
क्या इस प्रकार आम की खेती हो जाएगी ?
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