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तुम मुझे क्यों छोड़ गये?

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Abonded cat and dogs on street


"वो मेरे पास आया था, मेरी आँखों में झाँका और मैं समझ गया — मुझे अब अकेला नहीं रहना पड़ेगा। फिर एक दिन, वही इंसान जो मेरे लिए पूरी दुनिया था, मुझे एक अनजानी गली में छोड़ गया। मैं दौड़ा, पीछे गया, भौंका... लेकिन वो चला गया। बिना कुछ कहे। मैं वहीं बैठा रह गया — एक अधूरी सांस की तरह।"


यह कोई काल्पनिक कहानी नहीं है। भारत की हर गली, हर मोहल्ले में कोई न कोई जानवर ऐसी ही दर्दभरी कहानी जी रहा होता है। ये वो जानवर हैं जिन्हें कभी किसी ने पालने का वादा किया था, जो किसी के घर की रौनक थे, किसी के बच्चे के साथी थे — लेकिन अब वे सड़कों पर अकेले, भूखे, डरे हुए घूम रहे हैं।


कोई जानवर जब आपको अपनी आँखों से पहचानता है, जब आपकी आवाज़ पर दौड़कर आता है, जब बिना बोले आपके मूड को समझ जाता है — तो वो सिर्फ जानवर नहीं रहता, वो परिवार बन जाता है। वो आपके दुख-सुख का साथी होता है। लेकिन जब आप ही उसे त्याग देते हैं, तो उसकी दुनिया बिखर जाती है।


एक कुत्ता जो आपके पैरों में लोटता था, अब ठोकरें खा रहा होता है। एक बिल्ली जो आपकी गोद में सुकून से सोती थी, अब रात भर भूखी जागती है। ये जानवर अपनी भावनाएँ शब्दों में नहीं कह सकते, लेकिन उनकी आँखों में, उनकी कंपकंपाती साँसों में सब कुछ साफ दिखता है।


जिसने कभी नरम बिस्तर देखा हो, जो साफ पानी और स्वादिष्ट खाने का आदि हो — उसके लिए सड़क की ज़िंदगी मौत से कम नहीं। गाड़ियों का डर, भूख की टीस, अन्य आवारा जानवरों के हमले, इंसानों की क्रूरता, और बीमारी... ये सब एक पालतू जानवर को मानसिक और शारीरिक रूप से तोड़ देते हैं।


कई जानवर सड़क पर मर जाते हैं — कोई गाड़ी के नीचे आ जाता है, कोई बीमार होकर तड़पता है, और कोई भूख से दम तोड़ देता है। लेकिन सबसे दुखद ये है कि वो मरते हुए भी यही सोचता है — "मैंने क्या गलत किया था?"


पालतू जानवर पालना एक भावना है, कोई शौक नहीं। यह कोई खिलौना नहीं जिसे ऊबने पर फेंक दिया जाए। जब हम किसी को अपने घर लाते हैं, तो वह हमारी ज़िम्मेदारी बन जाता है — जीवनभर के लिए। परिस्थिति कैसी भी हो, उस मासूम की देखभाल करना हमारा कर्तव्य बनता है।


कभी सोचा है अगर कोई आपको यूँ ही छोड़ दे तो?

हर इंसान कुछ कर सकता है


हर बार हमें हीरो बनने की ज़रूरत नहीं होती — बस इंसान बनना काफी होता है। अगर आपके आसपास कोई जानवर बेसहारा दिखे, तो उसे कुछ खाना दें, एक कटोरी पानी रखें, एक छाँव का टुकड़ा दे दें। ज़रूरत पड़े तो किसी एनिमल NGO से संपर्क करें।


अगर आप किसी को पालतू जानवर छोड़ते देख रहे हैं, तो टोकें। सवाल करें। उसके लिए आवाज़ उठाएं। आप सोशल मीडिया के जरिए उसके लिए नया घर ढूँढ सकते हैं।


अगर आप खुद किसी कारण से जानवर नहीं पाल सकते, तो उसके लिए Foster arrangement या Rehoming की व्यवस्था करें। लेकिन उसे सड़क पर न छोड़ें।


यह दुनिया आपके छोटे से काम से बदल सकती है


1. एक कटोरी पानी रखें — गर्मियों में यह ज़िंदगी दे सकती है।


2. बचे हुए खाने को फेंके नहीं — उसे किसी भूखे जानवर के लिए रखें।


3. बिल्ली या कुत्ते को आसरा दें — एक छोटी सी जगह भी उनके लिए जन्नत बन सकती है।


4. Animal NGOs से जुड़ें — फंड दें, समय दें, या मदद का साधन बनें।


5. बच्चों को संवेदनशील बनाएं — जब बच्चा किसी जानवर को प्यार करता है, तो वह इंसानियत को जीता है।


हर दिन हजारों जानवर अपने 'परिवार' से बिछड़ते हैं। वो नहीं जानते कि उन्होंने क्या गलत किया। वो बस अपने इंसान की ओर देखते रहते हैं, उस प्यार के लिए जो अब नहीं रहा।


कृपया, अगर आप एक जानवर को अपना बनाते हैं, तो उसे कभी छोड़िए मत। और अगर आपने गलती से किसी को छोड़ दिया, तो आगे से किसी की ज़िंदगी से ऐसा मत खेलिए। हर जानवर एक भावनात्मक आत्मा है, जो सिर्फ प्यार और अपनापन चाहती है।


और अगर आप कभी ऐसे जानवर से मिलें जो बेसहारा हो — तो याद रखें, आप उसकी ज़िंदगी बदल सकते हैं। उसके लिए आप पूरी दुनिया बन सकते हैं।


एक bowl खाना, थोड़ी छाँव, एक नम मुस्कान — और एक हाँ — यही एक जानवर को वो सुकून दे सकता है जिसकी तलाश में वह रोज़ भटकता है।


क्योंकि एक सच्चा इंसान वो नहीं जो बोलता है, बल्कि वो है जो बिना बोले किसी

 मूक प्राणी का दर्द समझता है।


क्या हम ऐसे इंसान बन सकते हैं?


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