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🌿अपनी सोच को बदलो🌿
एक नदी के किनारे दो पेड़ थे.....उस रास्ते एक छोटी सी चिड़िया गुजरी और.....पहले पेड़ से पूछा.. बारिश होने वाला है, क्या मैं और मेरे बच्चे तुम्हारे टहनी में घोसला बनाकर रह सकते हैं??
..लेकिन वो पेड़ ने मना कर दिया....
चिड़िया फिर दूसरे पेड़ के पास गई और वही
सवाल पूछा दूसरा पेड़ मान गया।
चिड़िया अपने बच्चों के साथ खुशी-खुशी दूसरे पेड़ में घोसला बना कर रहने लगी।
एक दिन इतनी अधिक बारिश हुई कि इसी दौरान पहला पेड़ जड़ से उखड़ कर पानी मे बह गया...
जब चिड़िया ने उस पेड़ को बहते हुए देखा तो कहा...जब तुमसे मैं और मेरे बच्चे शरण के लिये आई
तब तुमने मना कर दिया था।
अब देखो तुम्हारे उसी रूखी बर्ताव की सजा तुम्हे मिल रही है...
जिसका उत्तर पेड़ ने मुस्कुराते हुए दिया :- "मैं जानता था मेरी जड़ें कमजोर हैं" और इस बारिश में टिक नहीं पाऊँगा।
मैं तुम्हारी और बच्चे की जान खतरे में नहीं डालना चाहता था।
मना करने के लिए मुझे क्षमा कर दो, और ये कहते-कहते पेड़ बह गया....
🌾किसी के इंकार को हमेशा उनकी कठोरता न समझे🌾
क्या पता उसके उसी इंकार से आप का भला हो।
कौन किस परिस्थिति में है शायद हम नहीं समझ पाए।
इसलिए किसी के चरित्र और शैली को उनके वर्तमान व्यवहार से ना तौले...
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