सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

यमलोक के मार्ग में 16 नगरों का विवरण

Also Read

 



गरुड़ पुराण के अनुसार यमलोक के मार्ग में 16 नगरों का विवरण

गरुड़ पुराण में मृत्यु के बाद आत्मा की यात्रा का विस्तार से वर्णन किया गया है। इसमें बताया गया है कि पापी आत्माओं को यमलोक तक पहुँचने के लिए कठिनाइयों से भरे 16 नगरों (शहरों) से होकर गुजरना पड़ता है। ये नगर उनकी बुरी कर्मों के आधार पर कष्ट देने के लिए बनाए गए हैं। आइए इन 16 नगरों का विस्तृत विवरण जानते हैं:


1. सौम्यपुर

यह पहला नगर है, जहाँ आत्मा को यमदूत ले जाते हैं। यहाँ आत्मा को यह आभास होने लगता है कि वह अब जीवित नहीं रही। इस स्थान पर यमदूत आत्मा को उसके अच्छे और बुरे कर्मों का स्मरण कराते हैं।

2. श्राद्धभवन

इस नगर में आत्मा को अपने परिजनों द्वारा किए गए श्राद्ध कर्मों का फल प्राप्त होता है। यदि परिवार के लोग श्राद्ध और तर्पण करते हैं, तो आत्मा को कुछ राहत मिलती है, अन्यथा उसे कष्ट भोगना पड़ता है।

3. नागपुर

यहाँ पर आत्मा को भयंकर सर्पों के बीच से गुजरना पड़ता है। जिन लोगों ने जीवन में दूसरों को डराया, सताया या अन्याय किया, उन्हें यहाँ सर्प डसते हैं और कष्ट देते हैं।

4. गोरमुख

इस नगर में आत्मा को उबलते हुए तेल से भरी नदियों और जल से गुजरना पड़ता है। जीवन में दूसरों को जलाने, सताने या क्रोध में रहने वाले व्यक्तियों को यहाँ यातनाएँ दी जाती हैं।

5. क्रूरपुर

यह स्थान अति भयानक है, जहाँ अनेक प्रकार के हिंसक जीव-जंतु आत्मा पर आक्रमण करते हैं। जो लोग जीवन में अत्याचार करते हैं, हिंसा में लिप्त रहते हैं, उन्हें यहाँ कठोर दंड दिया जाता है।


6. विचित्रभवन

इस नगर में आत्मा को अनेक प्रकार की मानसिक यातनाएँ दी जाती हैं। जिन लोगों ने अपने जीवन में दूसरों को मानसिक कष्ट दिए, उनके साथ छल किया या धोखा दिया, उन्हें यहाँ यातनाएँ सहनी पड़ती हैं।

7. बहुभीति

यह नगर डर और भय से भरा हुआ है। जिन लोगों ने अपने जीवन में दूसरों को अनावश्यक भयभीत किया, उन्हें यहाँ अत्यधिक डरावनी स्थितियों से गुजरना पड़ता है।



8. नानाक्रन्दपुर

इस नगर में आत्मा को चारों ओर से चीख-पुकार और दर्दनाक आवाज़ें सुनाई देती हैं। यहाँ आत्मा को अपने द्वारा किए गए बुरे कर्मों के कारण दुखी आत्माओं की करुण पुकार सुननी पड़ती है।

9. सुतप्तभवन

इस नगर में आत्मा को प्रचंड गर्मी और आग की ज्वालाओं के बीच से गुजरना पड़ता है। जो लोग अपने जीवन में क्रोध, घृणा और द्वेष से भरे रहते हैं, उन्हें यहाँ दंड भुगतना पड़ता है।

10. रौद्रपुर

यह नगर भीषण क्रूरता का प्रतीक है। यहाँ आत्मा को कठोर दंड दिया जाता है, विशेष रूप से उन लोगों को, जिन्होंने अपने जीवन में निर्दोष लोगों पर अत्याचार किया।

11. पयोवरषण

इस नगर में आत्मा को निरंतर ठंडे पानी और बर्फीली हवाओं में रखा जाता है। जो लोग अपने जीवन में दूसरों को कष्ट देकर खुश होते हैं, उन्हें यहाँ अत्यधिक ठंड का अनुभव कराया जाता है।



12. शीताध्याय

इस नगर में आत्मा को बर्फीले तूफानों और ठंडी हवाओं में रखा जाता है। जिन लोगों ने जीवन में असहायों को तकलीफ दी, उन्हें यहाँ भीषण सर्दी झेलनी पड़ती है।

13. बह्वाश

इस नगर में आत्मा को भूख और प्यास की अत्यधिक पीड़ा सहनी पड़ती है। जो लोग जीवन में लोभी, कंजूस और स्वार्थी रहे, उन्हें यहाँ भूखा-प्यासा रखा जाता है।

14. नक्रलोक

यहाँ आत्मा को मगरमच्छों और अन्य जल जीवों द्वारा सताया जाता है। जिन लोगों ने अपने जीवन में जलचरों का शिकार किया, उन्हें यहाँ इन जीवों से यातनाएँ दी जाती हैं।

15. विप्रचित्ति

इस नगर में आत्मा को छल-कपट और झूठे वादों की सजा मिलती है। जो लोग अपने जीवन में दूसरों को धोखा देते हैं, झूठ बोलते हैं, उन्हें यहाँ कठिन यातनाओं से गुजरना पड़ता है।


16. वलूक

यह अंतिम नगर है, जहाँ आत्मा को गर्म रेत में चलाया जाता है। जिन लोगों ने अपने जीवन में अधर्म किया, उन्हें यहाँ तपती हुई रेत पर चलने का दंड भुगतना पड़ता है।


निष्कर्ष

गरुड़ पुराण के अनुसार, इन 16 नगरों से गुजरने के बाद आत्मा यमलोक पहुँचती है, जहाँ उसके कर्मों के अनुसार स्वर्ग या नरक का निर्णय होता है। यदि व्यक्ति अच्छे कर्म करता है, तो उसकी यात्रा सुगम होती है, और यदि उसने पाप किए हैं, तो उसे अनेक यातनाएँ सहनी पड़ती हैं। इसलिए, हमें जीवन में सद्गुणों को अपनाना चाहिए और अच्छे कर्म करने चाहिए ताकि मृत्यु के बाद की यात्रा सहज हो सके।

"धर्म, दया और सत्य को अपनाकर ही हम आत्मा की इस कठिन यात्रा को सुगम बना सकते हैं।"




:

WhatsApp