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कार में लिफ्ट देने का शिष्टाचार

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हममें से कई लोग कभी न कभी ऐसी स्थिति में होते हैं जब कोई परिचित, पड़ोसी या ऑफिस का साथी हमसे लिफ्ट मांग लेता है। कभी यह हमारी इच्छा से होता है, तो कभी स्थिति मजबूरी की तरह बन जाती है। लिफ्ट देना इंसानियत और मदद की भावना का हिस्सा है, लेकिन कई बार यह अनुभव हमारे लिए असुविधाजनक भी बन जाता है।

एक ड्राइवर के तौर पर, बहुत से लोग मानते हैं कि कार में बैठने का मतलब सिर्फ़ एक जगह से दूसरी जगह पहुंचना है। लेकिन वे भूल जाते हैं कि गाड़ी मालिक के लिए यह एक निजी स्पेस भी है—एक ऐसा समय जब वह आराम से ड्राइव करते हुए अपना मनपसंद म्यूज़िक सुन सकता है और थोड़ी मानसिक शांति पा सकता है।

अक्सर देखा जाता है कि कुछ लोग गाड़ी में बैठते ही ऊँची आवाज़ में बातचीत शुरू कर देते हैं, लगातार फोन कॉल पर लगे रहते हैं, या जोर-जोर से हँसते-ठिठोली करते हैं। यह न सिर्फ़ चालक के ध्यान को भंग करता है बल्कि उसकी शांति और मूड दोनों खराब कर देता है।

कुछ मामलों में, 3-4 लोगों का एक ग्रुप लिफ्ट लेने आ जाता है और पीछे की सीट पर एक साथ बैठने की कोशिश करता है। भले ही वे इसे "थोड़ा एडजस्ट कर लो" कहकर हल्का बना दें, लेकिन यह असुविधाजनक और सुरक्षा के लिहाज़ से भी गलत है।

🛠कैसे संभालें ऐसे हालात – व्यावहारिक उपाय

1.     नियम पहले ही स्पष्ट कर दें
अगर आपको अंदेशा है कि आपको बीच-बीच में लिफ्ट देनी पड़ सकती है, तो शुरुआत में ही हल्के अंदाज़ में कह दें—

"भाई, मैं ड्राइव करते समय ज़्यादा शोर में कंफर्टेबल नहीं हूँ, तो थोड़ा धीरे बात करेंगे।"
इससे लोग पहले से मानसिक रूप से तैयार हो जाते हैं।

2.     फोन कॉल्स पर सीमा तय करें
अगर कोई व्यक्ति लगातार फोन पर बात कर रहा है, तो विनम्रता से कहें—

"अगर कॉल ज़रूरी हो तो धीमी आवाज़ में करें, ताकि ड्राइव पर ध्यान बना रहे।"

3.     सीट लिमिट पर समझौता न करें
3-4 लोग एक साथ पीछे बैठने की कोशिश करें तो स्पष्ट कह दें—

"मेरी गाड़ी में पीछे तीन से ज़्यादा लोग नहीं बैठ सकते, सुरक्षा और आराम दोनों का मामला है।"

4.     'ना' कहने की आदत डालें
अगर आपको शांति में ड्राइव करनी है, तो बिना झिझक मना कर दें—

"आज मैं थोड़ा अकेले ड्राइव करना चाहता हूँ, अगली बार ज़रूर ले चलूँगा।"

5.     म्यूज़िक से माहौल सेट करें
गाड़ी स्टार्ट करते ही अपना मनपसंद म्यूज़िक लगा दें और वॉल्यूम मध्यम रखें। ज़्यादातर लोग खुद-ब-खुद धीमे हो जाते हैं।

लिफ्ट देना एक नेक काम है, लेकिन अपने आराम, ध्यान और सुरक्षा से समझौता करना ज़रूरी नहीं है। जैसे किसी के घर में जाकर हम उसके नियम मानते हैं, वैसे ही गाड़ी में बैठने वालों को भी ड्राइवर की सुविधा और माहौल का सम्मान करना चाहिए। अगर हम शुरू से ही स्पष्ट, लेकिन विनम्र रहें, तो लोग आपकी सीमाओं को समझेंगे और आपकी ड्राइविंग का आनंद भी बना रहेगा।

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