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जीवन का सम्मान: हर जीव का अधिकार

गाँव के किनारे एक छोटा सा स्कूल था, जहाँ बच्चों को शिक्षा के साथ-साथ नैतिक मूल्यों की भी सीख दी जाती थी। वहाँ का एक छात्र था, अमित। अमित बहुत चंचल और शरारती था, लेकिन उसका दिल साफ था। उसे दोस्तों के साथ मस्ती करना और खेलना बहुत पसंद था।

एक दिन स्कूल से लौटते समय अमित और उसके दोस्त रास्ते में एक साँप देखकर डर गए। बिना सोचे-समझे, उन्होंने पत्थर उठाए और उस पर फेंकने लगे। कुछ ही देर में साँप बेबस होकर मर गया। सबने चैन की सांस ली और घर चले गए।

घर जाकर अमित ने अपनी दादी को यह घटना बताई। दादी बहुत समझदार थीं। उन्होंने प्यार से अमित का सिर सहलाते हुए पूछा, "बेटा, क्या उस साँप ने तुम्हें काटने की कोशिश की थी?"

अमित ने सिर हिलाते हुए कहा, "नहीं दादी, लेकिन वह बहुत डरावना लग रहा था, इसलिए हमने उसे मार दिया।"

दादी मुस्कुराईं और बोलीं, "बेटा, जब कोई चीज़ हमें डराती है, तो क्या हमें उसे मार देना चाहिए? अगर कोई तुमसे डरकर तुम पर हमला कर दे, तो तुम्हें कैसा लगेगा? साँप ने तुमसे कुछ नहीं किया था, फिर भी तुमने उसे क्यों मार दिया?"

अमित चुप हो गया। उसे अहसास हुआ कि उसने बिना किसी कारण के एक निर्दोष जीव की हत्या कर दी।

अगले दिन जब अमित स्कूल गया, तो उसने अपनी अध्यापिका से यह बात साझा की। अध्यापिका ने पूरी कक्षा के सामने एक सुंदर सीख दी, "बच्चों, छोटे जीव-जंतु भी इस धरती के ही हिस्से हैं। उन्हें भी जीने का उतना ही अधिकार है जितना हमें। हर जीव का इस दुनिया में एक विशेष स्थान है। प्रकृति की हर रचना का एक उद्देश्य होता है। जैसे साँप चूहों की संख्या नियंत्रित रखते हैं, मधुमक्खियाँ परागण में मदद करती हैं, और गली के कुत्ते कई बार चोरों को पकड़ने में सहायक होते हैं। अगर हम संतुलन बिगाड़ेंगे, तो इसका असर हम पर भी पड़ेगा।"

उसके बाद स्कूल में एक नई पहल शुरू हुई। स्कूल के बच्चों को सिखाया जाने लगा कि किसी भी जानवर को बिना वजह चोट नहीं पहुँचानी चाहिए। अगर कोई जहरीला जीव जैसे साँप, बिच्छू आदि दिखे, तो उसे मारने की बजाय सुरक्षित तरीके से दूर कर देना चाहिए।

छोटे-छोटे बदलाव, बड़ी सीख

कुछ दिनों बाद अमित अपने खेतों में खेल रहा था, तभी उसने देखा कि एक कुत्ता पानी की तलाश में भटक रहा है। गाँव के कुछ लड़के उसे पत्थर मारकर भगा रहे थे। अमित दौड़कर उनके पास गया और उन्हें रोकते हुए कहा, "अगर तुम्हें प्यास लगे और कोई तुम्हें पीटकर भगा दे, तो कैसा लगेगा? यह भी हमारी तरह एक जीव है, इसे भी दया की जरूरत है।"

बच्चों को अपनी गलती का अहसास हुआ और उन्होंने कुत्ते को पानी दिया। वह कुत्ता रोज़ उस खेत में आने लगा और बदले में खेत की रखवाली करने लगा।

एक और घटना तब हुई जब अमित की छोटी बहन रिया घर के आँगन में खेल रही थी। उसने एक चिड़िया को घायल देखा, जो शायद किसी पत्थर से लगी थी। वह दौड़कर अंदर गई और एक कटोरी में पानी लाकर चिड़िया के पास रख दिया। फिर उसने अपनी माँ को बताया, जिन्होंने हल्दी और पानी से चिड़िया की चोट पर लेप लगाया। कुछ घंटों बाद चिड़िया ने उड़ने की कोशिश की और उड़ गई। रिया बहुत खुश हुई और उसने अमित से कहा, "भैया, अगर हम चाहें तो किसी को बचा भी सकते हैं, सिर्फ डर के कारण मारना जरूरी नहीं।"

एक और करुणा भरा अनुभव

एक दिन गाँव के कुछ बच्चे खेलते-खेलते एक पुरा
ने कुएँ के पास पहुँच गए। वहाँ उन्होंने देखा कि एक छोटा सा कछुआ उस गड्ढे में गिर गया है और बाहर निकलने की कोशिश कर रहा है। कुछ बच्चों ने उसे बाहर निकालने के बजाय उसे छूने और परेशान करने की कोशिश की। लेकिन अमित ने उन्हें रोका और कहा, "यह बेचारा खुद ही मुश्किल में है, हमें इसकी मदद करनी चाहिए, न कि इसे और तंग करना चाहिए।"

फिर अमित ने एक लंबी डंडी की मदद से कछुए को धीरे-धीरे बाहर निकाला और उसे पास के तालाब में छोड़ दिया। कछुआ धीरे-धीरे पानी में तैर गया, मानो वह अमित को धन्यवाद कह रहा हो। यह देखकर सभी बच्चों ने प्रण लिया कि वे कभी भी किसी भी जीव को बेवजह परेशान नहीं करेंगे।



हम छोटे जीवों को क्यों ना मारें?

  • प्राकृतिक संतुलन: हर जीव की अपनी एक भूमिका होती है। अगर हम छोटे-छोटे जीवों को मारेंगे, तो यह प्राकृतिक चक्र को प्रभावित कर सकता है।

  • अहिंसा और करुणा: दयालुता और करुणा ही हमें सच्चा इंसान बनाती है। जो जीव हमें नुकसान नहीं पहुँचा रहे, हमें उन्हें भी नहीं सताना चाहिए।

  • बेवजह हिंसा से बचाव: जब हम छोटे जीवों को मारते हैं, तो हम अपने भीतर हिंसा को बढ़ावा देते हैं, जो धीरे-धीरे हमारे व्यवहार का हिस्सा बन सकती है।

  • अच्छे विकल्प मौजूद हैं: अगर कोई जीव खतरनाक है, तो उसे मारने के बजाय वन विभाग या किसी विशेषज्ञ को बुलाया जा सकता है। अगर कोई कुत्ता या बिल्ली रास्ते में आ जाती है, तो उसे पत्थर मारने के बजाय शांति से हटाया जा सकता है।

निष्कर्ष

हमारी छोटी-छोटी दयालुता की बातें दुनिया को एक बेहतर जगह बना सकती हैं। डर या अज्ञानता के कारण हम अक्सर छोटे जीवों को नुकसान पहुँचाते हैं, जबकि उन्हें बिना हानि पहुँचाए भी दूर किया जा सकता है।

  • अगर साँप या कोई जहरीला जीव दिखे, तो उसे मारने की बजाय वन विभाग को सूचना दें।

  • कुत्तों और बिल्लियों को पत्थर मारने की बजाय उन्हें प्यार और समझ से भगा सकते हैं।

  • गली के जानवरों के प्रति दया दिखाएँ और उनकी देखभाल करें।

  • छोटे कीड़ों को मारने की बजाय उन्हें सुरक्षित बाहर निकालने का प्रयास करें।

हमारी करुणा और समझदारी ही इस धरती को सभी जीवों के लिए सुरक्षित और सुंदर बना सकती है।

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